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नहीं रहे शिलाई की राजनीति और विकास को एक नई धूरी देने वाले वीर सिंह राणा….

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Ashoka Times…20 September 23 sirmour

शिलाई क्षेत्र की ऐसी शख्सियत जिसने न केवल राजनीतिक बल्कि विकास कार्यों को लेकर भी क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई आज उन्होंने जिंदगी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

वीर सिंह राणा को शिलाई क्षेत्र में किस पहचान की जरूरत नहीं थी। हिमाचल प्रदेश जल शक्ति विभाग में सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर वीर सिंह राणा (62) का पीजीआई चंडीगढ़ में निधन होने का समाचार मिला है।

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जानकारी के मुताबिक दिवंगत राणा ने रात करीब दो-अढ़ाई बजे अंतिम सांस ली। दोपहर डेढ़ बजे मोक्ष धाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 17 सितंबर से पीजीआई में सांस की दिक्कत को लेकर उपचाराधीन थे।

क्षेत्र के लोगों ने कहा कि दिवंगत राणा के निधन से गिरिपार क्षेत्र को बड़ी क्षति हुई है। भगवान से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की जा रही है। कोरोना काल में भी बीमारी के चलते पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती रहे। इसके बाद स्वस्थ होकर सामाजिक कार्यो में सक्रिय हो गए। जल शक्ति विभाग में कार्यरत रहने के दौरान वीर सिंह राणा ने कई योजनाओं पर कार्य किया है

1984 में बतौर जेई के पद पर सेवा प्रदान करने के बाद मात्र अढ़ाई वर्ष में ही हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर एसडीओ के पद पर तैनाती पाई थी। छोटे भाई दलवीर राणा भी लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के पद पर तैनात हैं। जब वह स्कूली छात्र थे तो उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद परिवार के बड़े बेटे ने परिवार का गुजर-बसर करने की जिम्मेदारी निभाई। 2018 में चीफ इंजीनियर के पद पर प्रमोट हुए थे।

गिरिपार की मिलाह पंचायत से संबंध रखने वाले दिवंगत एक मजबूत इरादे वाली शख्सियत रहे। गांव में पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों की टीम की मदद से निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया। दिवंगत वीर सिंह राणा 2017 में शिलाई से विधानसभा चुनाव (assembly elections) लड़ने की तैयारी कर चुके थे, लेकिन उस वक्त चुनाव नहीं लड़ सके, लेकिन उन्होंने जन संपर्क बनाए रखा। 2022 में भाजपा का टिकट नहीं मिला।

हालांकि पहले टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान किया था। मगर बाद में बगावत नहीं की। चूंकि भाजपा (BJP) को निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा है। लिहाजा दिवंगत राणा को भविष्य में शिलाई की कमान सौंपने के विकल्प पर गौर किया जा सकता था। उधर, क्षेत्र के राजनीतिज्ञों व संस्थाओं ने राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

छोटे भाई दलवीर राणा ने बताया कि पहले दिल की बीमारी से भी पीड़ित रहे, लेकिन इससे उबर गए थे। कुछ अरसे से सांस लेने में दिक्कत थी।

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