नेशनल हाईवे अथॉरिटी का बड़ा फैसला…
Ashoka Times…2 नवंबर 2025
देश की नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है जिसमें अगर नेशनल हाईवे के ब्लैक स्पॉट पर कोई सड़क हादसा होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब कॉन्ट्रैक्टर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यह कदम ब्लैक स्पॉट (जहां बार-बार हादसे होते हैं) खत्म करने के लिए उठाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने यह फैसला लिया है। जल्द ही अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। नई व्यवस्था के अनुसार, जिस सड़क खंड का रखरखाव किसी कॉन्ट्रैक्टर के पास है, वहां हादसे रोकने की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। यदि किसी जगह कोई हादसा होता है, तो कॉन्ट्रैक्टर को सुनिश्चित करना होगा कि उसी जगह 500 मी. दायरे में एक साल तक कोई और हादसा न हो। क्योंकि पहला हादसा होने पर कॉन्ट्रैक्टर पर 25 लाख जुर्माना लगेगा। उसी दायरे में दूसरे हादसे पर 50 लाख रु. तक दंड भरना होगा। यदि दो से ज्यादा बार दुर्घटना होती हैं, तो लाइसेंस रद्द होगा। हालांकि, सड़क डिजाइन या इंजीनियरिंग की
खामी एनएचएआई की जिम्मेदारी होगी
लेकिन गड्डे, जलभराव, गलत लेन में वाहन, टूटे वाहन हटाने और पशुओं की एंट्री रोकने जैसे काम कॉन्ट्रैक्टर को देखने होंगे। इसके लिए हर कॉन्ट्रैक्टर को सेफ्टी सर्वेयर रखना अनिवार्य होगा जो नियमित निगरानी करेगा। हर सड़क खंड पर कॉन्ट्रैक्टर की जानकारी और QR कोड वाला बोर्ड लगाया जाएगा। कोई भी वाहन चालक गड्ढे पानी भरने या गलत लेन की सूचना QR कोड के जरिए भेज सकेगा। यह जानकारी रीयल टाइम में एनएचएआई तक पहुंचेगी।
ऐसी व्यवस्था परिवर्तन करनी होगी भारत को…
वहीं भारत इकलौता ऐसा देश है जहां पर प्राइवेट व्हीकल के लिए अरबो रुपए खर्च कर नेशनल हाईवे बनाए जा रहे हैं। जबकि विदेशों में यातायात के लिए सरकारी साधनों को इतना सुदृढ किया जाता है कि लोग उनसे चलना ज्यादा पसंद करते हैं जैसे लंबी दूरी की ट्रेन, बस, मैटरो और दूसरे यातायात संसाधन बेहद मजबूत और इतने सरल तरीके से स्थापित किए गए हैं कि आम आदमी अपनी गाड़ी से चलने के बजाय सरकारी साधनों से चलने में ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। भारत में भी इस तरह की ही व्यवस्था बनाई जानी चाहिए सरकारी यातायात संसाधनों को और सुदृढ़, मजबूत, सुरक्षित किया जाना चाहिए ताकि सड़कों पर लंबी दूरी या स्थानीय शहरों में लोग प्राइवेट व्हीकल कम से कम इस्तेमाल करें इसके दो फायदे होंगे एक तो सड़कों पर व्हीकल का दबाव कम होगा सुरक्षा बढ़ेगी और अरबो रुपए जो नेशनल हाईवे रखरखाव पर खर्च किए जा रहे हैं वह भी बच पाएंगे।
देश के हाईवे पर कितने लोग जान गंवा रहे हैं? सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर के हाईवे पर 2025 तक करीब 13,800 ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए हैं। 2023 में हाईवे पर कुल 53,372 मौतें दर्ज की गई। 2024 में 52,609, और 2025 के सिर्फ 6 महीनों में 26,770 लोग हादसों में मारे जा चुके हैं। इन हादसों का बड़ा हिस्सा ब्लैक स्पॉट्स पर होता है।


