Ashoka Times…28 December 2025
हिमाचल प्रदेश में आईजीएमसी मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट के बाद मरीजों की शामत आ गई है। प्रदेश के डॉक्टर अपनी-अपनी नोबेल जाॅब भूलकर हड़ताल पर चले गए हैं। वही इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि डॉक्टर लौबी दबाव बनाने के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। जो की बिल्कुल गलत है, इसके कारण प्रदेश के हजारों बीमार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपातकालीन में जिनके ऑपरेशन होने थे वह भी टल गए हैं । उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों को बेहतर सुविधाएं स्वास्थ्य की मिलती रहे।

अपनी बारी का इंतजार करते बीमार मरीज़ …
फिलहाल मुख्यमंत्री भी प्रदेश में नहीं है स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसे ही मुख्यमंत्री आते हैं डॉक्टर और उनके बीच बैठक करवाई जाएगी लेकिन तब तक के लिए डॉक्टर को चाहिए कि वह वापस अपने अस्पतालों में ड्यूटी पर लौटे ताकि मरीजों को परेशानी ना उठानी पड़े।
बता दें कि 22 दिसंबर को डॉक्टर राघव नरूला और एक मरीज के बीच मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था । इसके बाद स्वास्थ्य निदेशक की ओर से डॉक्टर बर्खास्त कर दिया गया था। इसी बात पर हिमाचल प्रदेश के सभी रेजिडेंट डॉक्टर एम ओ एच ने अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं।
ऑपरेशन और जांच के लिए इंतजार करते रहे मरीज… आईजीएमसी सहित हिमाचल प्रदेश के सभी अस्पतालों में बीमारी की हालत में पहुंचे मरीज जांच के लिए घंटों इंतजार करते रहे, इसके अलावा जिन मरीजों के ऑपरेशन होने थे उनकी डेट भी टल गई है।


